ऐ जिन्दगी! तुने कितना कुछ सीखा दिया
?????
ऐ जिन्दगी ,
तुने कितना कुछ सीखा दिया।
और बहुत कुछ समझना,
सीखना अभी बाॅकी है।
पूरी जिन्दगी एक किताब है।
जिसका कुछ पन्ना पढ़ लिया,
कुछ पढ़ना अभी बाॅकी है।
जिन्दगी के पगडंडी पर
अभी दो-चार कदम ही रखे हैं।
तय करने को जिन्दगी का
अभी लम्बा सफर बाॅकी है।
कभी खुशी तो
कभी गम है जिन्दगी।
ना जाने देने को
कितने इम्तिहान अभी बाॅकी है।
कुछ ख्वाब हैं अधुरे से,
कुछ ख्वाब है पूरे से,
ना जाने कितने ही
अरमान अभी बाॅकी हैं।
कदम-कदम पर
एक सबक है जिन्दगी।
कुछ नया तजुर्बा ,
नई उम्मीद अभी बाॅकी है।
?????—लक्ष्मी सिंह