ऐ जिन्दगी
(1)????
ऐ जिन्दगी किससे शिकायत करूँ
सोना भी छुआ तो कोयला बन गया।
रफ्ता -रफ्ता मेरे सभी अरमान जल गए
जख्मी हृदय पर अनगिनत फफोला बन गया।
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(2)????
ऐ जिन्दगी
आ तुझे हँसना सिखा दूँ।
जख्मी दिलों पर
आ मैं थोड़ा मलहम लगा दूँ।
????—लक्ष्मी सिंह??