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14 Dec 2024 · 1 min read

ऐ जिन्दगी

तुझे ए जिन्दगी लाऊं कहां से
दीवारो दर हो गये बियाबां से।

कभी तू भी हंसे ,आ मेरे अंगना
बहारें लौट आये ,बन मेहमां से

धड़के जिया ,सुन कर हर आहट
कोई हमें भी चाहे ,दिलों जां से।

टूटती है मेरे दिल की नाज़ुक रगे
पूछो ज़रा कोई जा के मेहमां से।

इज्तिराब ए इश्क की बात न पूछ
अश्क छलक जायेंगे , दास्तां से।

सुरिंदर कौर

Language: Hindi
15 Views
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