ऐ जिंदगी
ऐ जिंदगी यह बता दें तू मुझे
कितने दुख और झेलने हैं मुझे।
तेरे दिए हर दुख को मैं सहता रहा
जिंदगी जीने की कोशिश करता रहा।
बस अब और नहीं
मुझमें अब ताकत नहीं।
हारा सा महसूस करता हूं
अधुरा सा महसूस करता हूं।
पर तेरे दिए हर दुख से लडुगा मैं
हर मुश्किल से लडुगा मैं।
जिंदगी क्या होती है
जी कर दिखाउंगा मैं।
– श्रीयांश गुप्ता