ऐ जिंदगी क्या होगा आगे/मंदीप
ऐ जिंदगी क्या होगा आगे/मंदीप
ऐ जिंदगी तेरी फितरत तो बता,
क्या होगा आगे हल्के से मेरे कानो में बता।
कौन अपना है कौन पराया मुझे एतना तो सीखा,
कौन सही है कौन गलत मुझे इतना तो बता।
ऐ जिंदगी क्या होगा आगे हल्के से मेरे कानो में बता।
ढूढ रहा हूँ अपना ठौर ठिकाना,
आखिर मेरा ठिकाना तो बता
ऐ जिंदगी क्या होगा आगे हल्के से मेरे कानो में बता।
करता था जो साथ जिने मरने की बात,
कहा गया वो मुझे उस का पता तो बता।
ऐ जिंदगी क्या होगा आगे हल्के से मेरे कानो में बता।
हो जाऊ रिहा “मंदीप” इस जहान से,
होगा कैसे मेरा अंत मुझे इतना तो बता।
ऐ जिंदगी क्या होगा आगे हल्के से मेरे कानो में बता।
मंदीपसाई