ऐ खुदा एक शायर बना दे मुझे…..
ऐ खुदा एक शायर बना दे मुझे,
अपने मेहबूब के गीत गाता रहूं ।
नाम तेरा न अपनी जुबां पर मैं लूं,
प्यारे मेहबूब ही गुनगुनाता रहूं ॥
लाख शिकवा करे यह जमाना भले,
उस अदा पर सदा दिल लुटाता रहूं ।
एक मुस्कान पर शायरीं सौ लिखूं,
प्यारी जुल्फों पे मरना सुनाता रहूं ॥
उम्र तनहाईयों में भले जाय ढल ,
दिल में दुल्हन उसे ही सजाता रहूं ।
काश वो भी कभी प्यार से देख ले,
मार ठोकर जहां को भुलाता रहूं ॥
जय श्री राधेकृष्ण