ऐ कोरोना तूने यह क्या कर दिया..
ऐ कोरोना तूने यह क्या कर दिया….
जिस जिस गली निकला मैं
उस गली को लोगों ने खाली कर दिया..
हम तो यह जाने के …
हमारी मोहब्बत में बाजार खाली हो गए..
हमें क्या पता था हमारे बाद
हर चौराहे पर हमारी बातें ही गुलज़ार होंगी…..
तेरा शुक्रगुजार करूं या के …
बता ,
ऐ कोरोना तूने यह क्या कर दिया…
मैं तो जिए जा रहा था बगैर किसी रिश्ते के,
लोगों ने दूरी बना ली तो क्या , रिश्ते भी हज़ार बने…
पता तो लगा, कौन दूर था कौन पास था,
लोगों की यादों में तो बसे थे मगर ,
ऐ कोरोना तूने आकर कुरेद दिया…
तेरा शुक्रगुजार करूं या के …..
बता ,
ऐ कोरोना तूने यह क्या कर दिया…
बहुतों को तूने तबाह किया,
सब कुछ लूट लिया तूने…
खौफ़ है तेरा इतना के,
कोरोना (सकारात्मक) होने से पैरों तले जमीन खिसक जाती है..
डरता था के कोई नहीं है मेरा, क्या होगा मेरे बच्चों का,
तूने मेरी ज़िंदगी भी पलट दी,
जहां कोई ना था मेरे साथ ,
आज दुनिया साथ चल दी…
ऐ कोरोना तूने यह क्या कर दिया..
उमेंद्र कुमार