ऐसे हैं मेरे पापा
हमारी खुशी के लिये घोड़ा भी बन जाते
संवारते हमारा बचपन हैं पापा,
भावना अपनी नहीं करते व्यक्त
लेकिन संवेदना का भण्डार हैं पापा,
हमारे उज्ज्वल भविष्य के लिये दिन-रात मेहनत करते जन्नत के महल का द्वार हैं पापा,
हमारे दुख में छुप-छुप कर रोएं
आंखों में रखते सैलाब हैं पापा,
अपने दर्द का ना कभी जिक्र करते
मम्मी के सिर का ताज हैं पापा,
जिगर के टुकड़े को ससुराल करें हंसकर विदा
ऐसे करते कन्यादान हैं पापा,
हाथ के आर्शीवाद से तकदीर हमारी बदल दें
प्यारे से रिश्ते का अहसास है पापा,
दुआ है मेरी रब से बस यहीं
हमेशा रहें आबाद पापा ।