ऐसे रंग लगाए गयो रे, मोहे बालम सांवरिया,
ऐसे रंग लगाए गयो रे, मोहे बालम सांवरिया,
अरे होली में हुड़दंग मचाये गयो रे सांवरिया !!
पीकर भंग जालिम खाई के पान,
लेकर आयो जे रंग अबीर गुलाल,
तन-मन रंगा रंग गया अंग-अंग,
जोरा जोरि करके कर गया तंग,
जंग पे जंग कराये गयो रे बालम सांवरिया !
ऐसे रंग लगाए गयो रे, मोहे बालम सांवरिया,
अरे होली में हुड़दंग मचाये गयो रे सांवरिया !!
हाथ में लाया वो फूलों की गोली,
साथ में लाया था मस्तो की डोली,
पहले नाच-कूद के भंगड़ा पाया,
मेरे गुलाबी मुखड़े ते रंग लगाया,
रंग से रंग मिलाये गयो रे बालम सांवरिया !
ऐसे रंग लगाए गयो रे, मोहे बालम सांवरिया,
अरे होली में हुड़दंग मचाये गयो रे सांवरिया !!
पहले उसने मोरी बैंया मरोड़ी,
गागर उसने पानी भरन की तोड़ी
आया था वो नयन से नयन लड़ाने
होली में रंग लगावन के बहाने,
अंग से अंग मिलाये गयो रे बालम सांवरिया !
ऐसे रंग लगाए गयो रे, मोहे बालम सांवरिया,
अरे होली में हुड़दंग मचाये गयो रे सांवरिया !!
नैना मटकावे वो पट-पट बोले,
बतियन में बैरी प्रीत रंग घोले,
जुलम किया भारी जे बात उघारो
सखियन के बीच रंग मोपे डारो
रंग में भंग मिलाये गयो रे बालम सांवरिया !
ऐसे रंग लगाए गयो रे, मोहे बालम सांवरिया,
अरे होली में हुड़दंग मचाये गयो रे सांवरिया !!
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स्वरचित : डी के निवातिया