ऐसे तो मर जाएंगे हम
ऐसे तो मर जाएंगे हम,
गर तुम ना समझोगे तो किसे समझायेंगे हम
क्या खता हो गयी हमसे,
जो इस तरह मुँह फुलाए हो,
लाख रूठो हमसे फिर भी मनाएंगे हम
गर तुम ना समझोगे तो किसे समझायेंगे हम
यूँ नज़रअंदाज़ करना हमें,
उलझनों को हमारी बढ़ाये हो,
तुम्हारे सितमों को हँस हँस कर सह जायेंगे हम,
गर तुम ना समझोगे तो किसे समझायेंगे हम,
जानते हो तुम हो कमजोरी हमारी,
तुमसे जुदा होकर ना रह पाएंगे हम,
हर हाल में तुझे ही चाहेंगे हम,
गर तुम ना समझोगे तो किसे समझायेंगे हम !