ऐसे तुम इंसान बनो
ढूंढ लेते हैं जो गम में भी खुशी,
उनके होठों से न दूर होती हंसी।
हौसले भी हो जिनके बुलंद,
मार्ग न हो उनके कभी बंद।
ऐसे तुम इंसान बनो…..
टूटती नही जिनके मन की आस,
जीत लेते हैं सबका विश्वास ।
निरंतर करते हैं सतत प्रयास,
जीत का होता हैं उन्हें सुखद आभास।
ऐसे तुम इंसान बनो…….
दया भाव हो जिसके अंदर,
प्रेम का हो अथाह समंदर।
पीड़ा सबकी हैं जो जाने,
इंसान रूपी उसे देव माने।
ऐसे तुम इंसान बनो…….