ऐसे गीत मुझे तुम रचने दो
ऐसे गीत मुझे तुम रचने दो
झरनों का संगीत लिए
पंछी का गीत मधुर लिए
इक नई रागिनी बनने दो
ऐसे गीत मुझे तुम रचने दो
तेरी मेरी बात लिए
मूक कुछ संवाद लिए
राग मधुर तुम जगने दो
ऐसे गीत मधुर तुम रचने दो
शर्त मेरी हो जीवन मेरा
इन अनुबंधों से जीने दो
स्वप्न नवल तुम बनने दो
ऐसा गीत मुझे तुम रचने दो
दिन को तुम ढल जाने दो
प्रेम दीप को आज जला लो
सुरमई शाम को ढलने दो
ऐसे गीत मुझे तुम रचने दो
मेघों की स्याही से
आज गगन के नील पटल पर
इंद्रधनुष तुम सजने दो
ऐसे गीत मुझे तुम रचने दो
ज्वालामुखी की लिए आग
आज सृजन तुम करने दो
लावा इक पिघलने दो
ऐसे गीत मुझे तुम रचने दो
फूलो के सुरभित पराग से
कांटों की इक चुभन से
जीवन आलेख लिखने दो
ऐसे गीत मुझे तुम रचने दो
मीनाक्षी भटनागर
गुरुग्राम