ऐसी भी बरसात देखीं हैं
हाँ हमने बरसात देखीं हैं
हँसती बरसात देखीं हैं
रोती भी बरसात देखीं हैं
तड़पती बरसात देखीं हैं
बिलखती बरसात देखीं हैं
हाँ हमने भी बरसात देखीं हैं
बादलों का गरजन बिजली का तड़कना
लहलाती फसलें ओलों का गिरना
डबडबाई आँखें कलेजा मुँह तक आना
कर्जे का जोड़ करते सारी रात जाना
घोसले नीलाम करती परिंदों के बरसात देखीं हैं
हाँ हमने बरसात देखीं है
ऐसी भी बरसात देखीं है
नदियों का हद से जाके जिंदगी तबाह करते
बादल की दादागीरी बस्तियां वीरान होते
कपकपाता तन बदन बूढ़ी पथराई आँखे
बरबादियों का मंजर रोते बिलखते बच्चे
भूखी थकी हारी तड़पती बरसात देखीं हैं
हाँ हमने बरसात देखीं हैं
ऐसी भी बरसात देखीं हैं
आँसुओं की बारिश अधखिली मेंहदी बहते
राह तकती आँखें सो चुकी माँ जगाते बच्चे
रहबरों का निकम्मापन लाशों पे होते सौदे
तिजारत मे डूबी मसीहाई का जमीर मरते
रब की दुहाई देती सिसकती बरसात देखीं हैं
हाँ हमने बरसात देखीं है
ऐसी भी बरसात देखीं है
(स्वरचित मौलिक रचना)
M.Tiwari”Ayan”