ऐसी निशानी दे दी….
माँ तुमने ऐसी कहानी दे दी
ज़िन्दगी भर की निशानी दे दी!
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शक्ल-सूरत सब एक जैसे
उम्र भर की निगरानी दे दी!.
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देख मुझे हर शक्स पहचान लेता
तुमने ऐसी जिन्दगानी दे दी!
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आँचल में प्यार आँखों पानी
होठो पर मुस्कुराहट रुहानी दे दी!
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साथ चलना था एक-दूजे के
दूर होकर तुमने दुनिया सयानी दे दी!
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नहीं सुलझते हैं एहसासों के बन्धन
तुमने चिट्ठी ऐसी पुरानी दे दी!
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शालिनी साहू