ऐसी आभा ऐसी कांति,
ऐसी आभा ऐसी कांति,
मन को शीतल करे मन को दे शांति।
सांवरे तुझे मिलेगी वहीं कहीं,
छोड़ आया हो तू जहां कपट और भ्रांति।
ऐसी आभा ऐसी कांति,
मन को शीतल करे मन को दे शांति।
सांवरे तुझे मिलेगी वहीं कहीं,
छोड़ आया हो तू जहां कपट और भ्रांति।