ऐसा लगा…
ऐसा लगा लौट वो ज़माने आये
मुझसे मिलने जब लोग पुराने आये।
झुलस गया था वक़्त की तपन से मैं
पुष्प नये फिर से वो खिलाने आये।
इस दौर में ये वक़्त बहुत कीमती है
दिल खोल के वो मुझपे लुटाने आये।
दूर जाके बदला था अहसास उनका
फिर से मुझपे हक़ वो जताने आये।
वो आये तो ऐसा लगा मुझको
लौट के दौर फिर से वो सुहाने आये।