ऐसा जीवन
ऐसा जीवन
फूलों की भांति खिलता हुआ
समीर की भांति बहता हुआ।
पानी की भांति प्रवाहपूर्ण
प्रभू ऐसा जीवन हो मेरा ।
चट्टान की भांति मजबूत छाती
दीपक जैसी,आंखों की ज्योति
तमिस्त्र मिटा हुआ प्रकाशमय
पानी की भांति प्रवाहपूर्ण
प्रभू ऐसा जीवन हो मेरा ।
आंधी ओर बवंडर से दूर
शांतचित जीवन हो मधुर
ओर धरा सारी माधुर्यमय
पानी की भांति प्रवाहपूर्ण
प्रभू ऐसा जीवन हो मेरा ।
-ः0ः-
नवल पाल प्रभाकर