ऐसा इतवार तो आने से रहा
रस्मे दुनिया तो निभाने से रहा
वक़्त तुम पर मैं लुटाने से रहा
एक मज़दूर को मिल जाए सुकून
ऐसा इतवार तो आने से रहा
रस्मे दुनिया तो निभाने से रहा
वक़्त तुम पर मैं लुटाने से रहा
एक मज़दूर को मिल जाए सुकून
ऐसा इतवार तो आने से रहा