Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 May 2019 · 1 min read

ऐब अपने छुपा रहे हैं वो

ऐब अपने छुपा रहे हैं वो
सबको दर्पण दिखा रहे हैं वो

क़त्ल करके हमारी नींदों को
ख्वाब अपने सजा रहे हैं वो

मैंने इक बात ही कही उनसे
कितनी बातें सुना रहे हैं वो

आये तो हैं मिरी अयादत को
हाल अपना सुना रहे हैं वो

जिनको मंज़िल न मिल सकी अब तक
रस्ता मुझको दिखा रहे हैं वो

करके वीरान बस्तियां आतिफ़
गीत महलों में गा रहे हैं वो

इरशाद आतिफ़ अहमदाबाद
9173421920

1 Like · 280 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Time Travel: Myth or Reality?
Time Travel: Myth or Reality?
Shyam Sundar Subramanian
बन गए हम तुम्हारी याद में, कबीर सिंह
बन गए हम तुम्हारी याद में, कबीर सिंह
The_dk_poetry
साहिल समंदर के तट पर खड़ी हूँ,
साहिल समंदर के तट पर खड़ी हूँ,
Sahil Ahmad
💐प्रेम कौतुक-358💐
💐प्रेम कौतुक-358💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Samay  ka pahiya bhi bada ajib hai,
Samay ka pahiya bhi bada ajib hai,
Sakshi Tripathi
खरीद लो दुनिया के सारे ऐशो आराम
खरीद लो दुनिया के सारे ऐशो आराम
Ranjeet kumar patre
डूबा हर अहसास है, ज्यों अपनों की मौत
डूबा हर अहसास है, ज्यों अपनों की मौत
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
बहुत मशरूफ जमाना है
बहुत मशरूफ जमाना है
नूरफातिमा खातून नूरी
कर दो बहाल पुरानी पेंशन
कर दो बहाल पुरानी पेंशन
gurudeenverma198
महसूस करो दिल से
महसूस करो दिल से
Dr fauzia Naseem shad
* कष्ट में *
* कष्ट में *
surenderpal vaidya
इत्तिफ़ाक़न मिला नहीं होता।
इत्तिफ़ाक़न मिला नहीं होता।
सत्य कुमार प्रेमी
थोड़ा विश्राम चाहता हू,
थोड़ा विश्राम चाहता हू,
Umender kumar
प्रभु राम अवध वापस आये।
प्रभु राम अवध वापस आये।
Kuldeep mishra (KD)
"चाँद को शिकायत" संकलित
Radhakishan R. Mundhra
होली का त्यौहार
होली का त्यौहार
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
धन की खाई कमाई से भर जाएगी। वैचारिक कमी तो शिक्षा भी नहीं भर
धन की खाई कमाई से भर जाएगी। वैचारिक कमी तो शिक्षा भी नहीं भर
Sanjay ' शून्य'
Pardushan
Pardushan
ASHISH KUMAR SINGH
हिन्दी दिवस
हिन्दी दिवस
मनोज कर्ण
नाम लिख तो दिया और मिटा भी दिया
नाम लिख तो दिया और मिटा भी दिया
SHAMA PARVEEN
फूल ही फूल
फूल ही फूल
shabina. Naaz
"इन्तेहा" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
■ कोई तो बताओ यार...?
■ कोई तो बताओ यार...?
*Author प्रणय प्रभात*
तेरी याद
तेरी याद
SURYA PRAKASH SHARMA
सब सूना सा हो जाता है
सब सूना सा हो जाता है
Satish Srijan
ओ मेरे गणपति महेश
ओ मेरे गणपति महेश
Swami Ganganiya
परिवार होना चाहिए
परिवार होना चाहिए
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
*देश का हिंदी दिवस, सबसे बड़ा त्यौहार है (गीत)*
*देश का हिंदी दिवस, सबसे बड़ा त्यौहार है (गीत)*
Ravi Prakash
2587.पूर्णिका
2587.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"उपकार"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...