*ऐनक (बाल कविता)*
ऐनक (बाल कविता)
चश्मे को ऐनक कहते हैं
ऑंखों पर ही यह रहते हैं
नजर हुई कमजोर बुलाया
ऑंखों पर चश्मा लगवाया
काले चश्मे बहुत सुहाते
तेज धूप से हमें बचाते
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451