ऐतबार
ना शिकवा किया ना शिकायत ,किया तो बस सब्र किया
अपने हिस्से का हर फर्ज अदा किया l
सुना है के , कायनात सुनती है सच्चाई को, सच्चे दिल की फ़रियाद को बस उसी वक्त का इंतेज़ार किया ।
मिलेंगी हमे भी हर खुशी, बस
ऊपर वाले पर ऐतबार किया।
ना शिकवा किया ना शिकायत ,किया तो बस सब्र किया
अपने हिस्से का हर फर्ज अदा किया l
सुना है के , कायनात सुनती है सच्चाई को, सच्चे दिल की फ़रियाद को बस उसी वक्त का इंतेज़ार किया ।
मिलेंगी हमे भी हर खुशी, बस
ऊपर वाले पर ऐतबार किया।