ए मौत आ आज रात
ए मौत आ आज रात
ख्वाईशों पर मेरी पर्दा डाल दे
शून्य से लेकर शून्य तक
जहां विचार खत्म हो
वहां तक फिर से पर्दा डाल दे
अगर कुछ नहीं कर सकती
तो
मेरी माँ पहलू में मुझे सुलाकर
मुझ पर यह पूरा आसमान डाल दे
ए मौत आ आज रात
ख्वाईशों पर मेरी पर्दा डाल दे
शून्य से लेकर शून्य तक
जहां विचार खत्म हो
वहां तक फिर से पर्दा डाल दे
अगर कुछ नहीं कर सकती
तो
मेरी माँ पहलू में मुझे सुलाकर
मुझ पर यह पूरा आसमान डाल दे