ए मेरे चांद ! घर जल्दी से आ जाना
ऐ मेरे चांद ! घर जल्दी से आ जाना।
रुकना नही कही , जल्दी आ जाना।।
भूखी-प्यासी मैं दिनभर की बेकरार,
छलनी से करूंगी तुम्हारा मै दीदार।
गाल लाल होंगे तब मेरे रुखसार,
पिया, मिलन में देर न लगा जाना।
ऐ मेरे चांद ! घर जल्दी से आ जाना।।
मेहंदी रचे हाथ,सजे कंगन के साथ,
पूजा का थाल, और ले करवा हाथ।
मांगूंगी तुमसे रहे सजना सदैव साथ,
लंबी उम्र का वर, पिया को दे जाना।
ऐ मेरे चांद ! घर जल्दी से आ जाना।।
मेरा साज-श्रृंगार सब ही तुम्हारे से है,
बिखरा जीवन में प्यार तुम्हारे से है।
घर और परिवार सब तुम्हारे से है,
सातों जन्म के साथ का वर दे जाना।
ऐ मेरे चांद ! घर जल्दी से आ जाना।।
भूख से मैं न कभी अकुलाऊंगी आज ,
पिया की बेचैनी मैं सह पाऊंगी आज।
मेरे प्रिय पिलाए मुझे अधर सुधा जब,
बादलों में कही पहले तुम छुप जाना।
ऐ मेरे चांद ! घर जल्दी से आ जाना।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम