ए मतदाता-भारत भाग्य विधाता
ए मतदाता-भारत भाग्य विधाता
पाँच साल में आज यह तुमको,निर्णय फिर से लेना है
भारत मां को ताकत दे जो, वोट उसी को देना है
ए मतदाता – भारत भाग्य विधाता
वोट नहीं देना उसको, जो रंगभेद फैलाता है
धर्म-जात पर वोट मांग कर, देश को जो बंटवाता है ।
वोट की ताकत तुम पहचानो, निर्बल खुद को ना मानो
लालच, तृष्णा में ना आओ, मत का मूल्य पहचानो
ए मतदाता – भारत भाग्य विधाता
जिस नेता ने देश की खातिर, दांव पर जान लगाई है
बहुमत देकर उस नेता को, जनता ने जीत दिलाई है ।
निर्णय लेने में जो सक्षम, अपना वोट उसे देना
धोखा दे जो बार-बार में, गहरी चोट उसे देना।
ए मतदाता – भारत भाग्य विधाता
ऐसा नेता तुम चुनना जो, देश बनाएं अपना महान
आन-बान और राष्ट्र की खातिर, अपना धन भी दे दे दान ।
उसको वोट ना देना तुम, जो रिश्वत लेकर आया हो,
बिक ना जाना वोट की खातिर, प्रलोभन जो लाया हो ।
ए मतदाता – भारत भाग्य विधाता
बच के रहना तुम उनसे, पाँच साल जो ना आए हो
लेकर वोट जो ओझल हो गए, बस अपने महल बनाए हो ।
वोट उसे तुम मत देना जो, जनता से कभी ऐंठा हो
जाने कौन घड़ी में वह, अपराधी ही बन बैठा हो ।
ए मतदाता – भारत भाग्य विधाता
वोट उसे तुम मत देना जो, देशद्रोही नेता हो
घात लगाकर अपनों को, दुश्मन के घर बैठा हो ।
जनता ही ताकतवर होती, लोकतंत्र यह कहता है
जनसेवक को ही तुम चुनना, अरविंद कवि यह कहता है
ए मतदाता – भारत भाग्य विधाता