ए जिंदगी हमको मोहब्बत सिखादें
ए जिंदगी हमको
मोहब्बत सिखा दे
तन्हाइयों से
अदावत करा दे
ए जिंदगी हमको
मोहब्बत सिखा दे ।
हँसते हैं कैसे
हँसाते है कैसे
जुल्फों की उलझन को
सुलझाते है कैसे
ए जिंदगी
ये तरीका बता दे ।
मिलते नही वो
चाहते जिन्हें हम
चाहत को मेरी
नादानी बताते
ए जिंदगी
ये कश्मोकस मिटा दे ।
ए हमको मोहब्बत
सिखा दे ।
रहते उलझे
अपने ही मन में
फ़ंसती हो कस्ती
जैसे भवँर में
मोहब्बत की सड़कों
पर चलना सिखा दे ।
रातें भी उनकी
खायलें उनके
मेरे लबों पर
हर सवाल उनके
धुंधली आँखों को मेरी
चमकना सिखा दे ।
रहती है मुझको
अब फ़िक्र उनकी
महफ़िलों में अपनी
उनकी कमी सी
ये जिंदगी वैचेनी मिटा दे
यादों में उनकी रोना सिखादे ।