एहसास
जब हम अपने माता पिता पूरे परिवार के साथ रहते हैं तो हमें उनकी प्रेम का एहसास नहीं होता । परंतु जब हम अपने माता-पिता से दूर चले जाते हैं तब हमें उनके प्रेम के सुख का एहसास होता है।
जब हम अपने किसी मित्र का दिल दुखाते हैं, तब हमें एहसास नहीं होता है, लेकिन जब हम अकेले बैठकर सोचते हैं कि आज दिन भर हमने क्या किया तब हमें अपनी गलती का एहसास होता है।
जब हमारे कोई अच्छे लोग हमारे पास होते हैं तब हमें उनकी अच्छाई का एहसास नहीं होता लेकिन जब वह हमसे कहीं दूर चले जाते हैं हमें उनकी अच्छाई का एहसास होता है।
जब अब बड़ा कोई समझदारी वाली बात हमें करता है तो वह हम उसे समझना नहीं चाहते जब जिंदगी में ठोकर लगती है तो हमें उनकी बातों का एहसास होता है।
(जीवन में ऐसा कार्य करना ही क्यों कि जीवन भर एहसास ही करना पड़े)
✍️वंदना ठाकुर✍️