एहसास
एहसास कराना मुश्किल हैं, एहसास दिलाना मुश्किल हैं।
करते हैं मोहब्बत हम कितना, अन्दाज लगाना मुश्किल हैं।।
तुम को तो बतादे शब्दो से, पर वो शब्द भी लाना मुश्किल हैं।
शब्दो मे छुपालु मैं तुम को, पर शब्दो मे छुपाना मुश्किल हैं।।
आँखो मे छुपाना मुश्किल हैं, आँखो मे दिखाई देते हो।
दिल मे भी छुपाना मुश्किल हैं, धड़कन मे सुनाई देते हो।।
हँसता हूँ तुम्हे जो सोच कभी, तो चहरे पे छुपाना मुश्किल हैं।
कहने को तो मेरे सबकुछ हो, पर ये बात बताना मुश्किल हैं।।
ईश्वर को बताते रहता हूँ, उनसे तो छुपाना मुश्किल हैं।
हर बात बताता हूँ उनको, कुछ भी तो छुपाना मुश्किल हैं।।
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“ललकार भारद्वाज”