एहसास
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एहसास ..।
ये अहसास ही तो है
कोमल ,सुंदर सा .
जोड रखा है हमें आपस में
ये अहसास ही तो थे ।
अहसास होता है तब
होती अनुभूतियाँ
अनुभूतियों से
मन में उमडते हैं भाव
भावों से बनते हैं ..
शब्द ,…कोमल से
और फिर होती है
बयाँ अभिव्यक्ति .।
ये अहसास ही तो हैं ….।
अहसास ..
पहले प्यार का
पहली नज़र का
पहले स्पर्श का
पहले सुने शब्द का
पहला बोला शब्द का
अहसास ही तो है ये।
अहसास ही ने तो
हाथ में कलम ..
मन को दिये भाव
हृदय को स्पंदन
दिल को धकधक ..
अहसास ही तो था ये ।
वो नवयौवन का अहसास
वो लज़्ज़ानत पलके
वो कंपन अधरों का
वो माथे पर सज़ा सिंदूर
अहसास ही तो था ..।
वो पहला पाँव
ससुराल की ड्योढी
वो नववधू का आँचल
पत्नी ,बहू की गरिमा
और फिर मातृत्व
अहसास ही तो था।
माँ जैसे मिश्री पगा
वो पहला डगमग पग
स्कूल का पहला दिन .।
सब कुछ ..अहसासों में
ढला हुआ ..
दे सकते हो शब्द ..?
कर सकते हो बयाँ .?
ना..
हर अहसास को शब्द नहीं दिये जाते
मन की अनुभूतियों को शब्द नहीं दिये जाते ..
अहसास ..
मेरे अपने ,..
यादों में ,स्पंदन में .
अहसास
मनोरमा जैन पाखी
भिंड ,म.प्र.