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16 Jul 2024 · 1 min read

एहसास के सहारे

तेरे दिल तक आ पहुंचे, एहसास के सहारे।
ये इश्क़ मोहब्बत को नग्मे, हमें जान से है प्यारे।

वो नैनों की आंख मिचौली,वो तकना चुपके-चुपके।
वो मोहब्बत की शरारतें, क्या दिन थे क्या नज़ारे।

बात बेबात रुठना मुझसे, मेरा तुझ को मनाना
वो रात को छत पर लेट कर , रातों को गिनना तारे।

मिले न जब एक दिन , मुश्किल होती वो सांसें
गली से गुजरते‌ हुए ,आंखों आंखों में होते
इशारे।

वो किताब के बहाने , चिट्ठियां ‌भेजना‌ हमे
बार बार उनको पढ़ना,क्या शौक थे हमारे।

सुरिंदर कौर

Language: Hindi
91 Views
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