एहसान फ़रामोश
बाजू से कोई गुज़रा बदज़ुबानी कर गया
मुँह तो था उसीका अपने मुँह से कह गया
क्या कहूँ उसको बोलना आता ही नहीं था
बोलना कुछ सीखा दिया तो गाली दे गया
डा राजीव “सागरी”
बाजू से कोई गुज़रा बदज़ुबानी कर गया
मुँह तो था उसीका अपने मुँह से कह गया
क्या कहूँ उसको बोलना आता ही नहीं था
बोलना कुछ सीखा दिया तो गाली दे गया
डा राजीव “सागरी”