||. एवान-ए-इश्क ।।
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एवान-ए-इश्क कायम करेंगे हम
एतिमाद-ए-शज़र कुर्बत में होंगे ।। रुनुमा होंगी बादे नसीम गाह-गाह तसव्वुर गुल गुलजार में रकम करते रहेंगे ।। साअत-ए-फ़ुर्क़त खुशखत लिखेंगे तब्ए शायर जुज तेरे किसके सामने रखेंगे मुअय्यन जजबे।। .. अजिमतर इजहार फ़ुर्क़त-ए-शिद्दत जब लादवा महबूस फ़ुर्क़त-ए-इश्क होगा ।। नामावर को देंगे खुशखत सोगवार मासूक .पुरअसशर हश्र देखकर इब्तिदा इश्क ।।
चुप न रहेंगे ममूनी अदब से कहेंगे तजस्सुस है हमें एवान-ए-इश्क ।।
..नूर -ए-हुस्न झलके मासूका-ए-खुतूत जहाँगीरी बादे नसीम खुशबू बिखेरे ।।
कायम करेंगे ऐसा एवान -ए-इश्क
.एतिमाद-ए-शज़र क़ुरबत में होंगे ।।
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?मधुप बैरागी