एग्जाम का डर
दिल को मिला सुकुन की एग्जाम आ गया ।
वो इस तरह जगाया जैसे तूफान आ गया ।
शोर यू ही ना परिंदो ने मचाया होगा
जिस तरह एग्जाम ने हमें सताया होगा
बस यही एक झिझक है हमें ,
इतनी रातो में भी न दिल घबराया होगा
हम अभी इसी सोच में डूबे से रहते थे
की उन्हें होश में किसने लाया होगा
यू इस तरह भीगी रातों में उठा देती है
दिल धड़कता है फिर भी आँखे भीगा देती है
किसी ने मुझे इस तरह उठाया होगा
समंदर की ज़िद को जैसे समझाया होगा
गर डूबना ही अपनी मुक्कदर में तो कोई बात नही
दिल पे पत्थर रख के किसी ने बचाया होगा
तुम्हारा इस कदर हमारे दर पे आना मुझे गवारा नही
हम तो बी.इ वाले है हमारा कोई ठिकाना नही ।।
:-हसीब अनवर