एक होशियार पति!
वाह! क्या कमाल कि आज भोजन बनाई है।
लगता है बेगम मेरा प्यार से, कत्ल करने आयी है।।
आई लव यू, बस इन सब में नमक थोड़ा ज्यादा है।
लगता है कि मार्केट में ही, नमक ठीक नहीं आता है!
तुम्हारे मेहमान आये तो, ऐसी ही रसदार सब्ज़ी बनाना है।
इतनी ही करारी चपाती, उन सबको भर पेट खिलाना है।।
और हाँ इतना लहसुन अदरक, आगे मत डालना।
मेरे मेहमानों को इतने भरोसे से, घर में नही पालना।।
रोटी और पराठे बेजोड़, भिन्न भिन्न आकार है।
पुलाव एकदम टॉप पर, कड़ाही का पैंदा बेकार है।
इसलिये हल्की फुल्की जलने की स्मैल पाता हूं।
चिंता न करो कल ही नई, कड़ाही लेकर आता हूँ।।
ये बढ़िया करती हो, जो दमआलू नहीं छीलती।
नेट पर भी पढ़ा है, विटामिन्स छिलके से ही मिलती।।
और हाँ ऐसा करते है कि, यह दाल अभी फ्रिज में रख जायेंगे।
जब दानों संग तड़का मिक्स हो जायें, तो परसों तक खायेंगे।।
दिल बल्लियों उछल जाता है, तुम जब मिक्सर चलाती हो।
दहीबड़े के अंदर, कितनी बारीकी से गुठली बनाती हो।।
यह मालपुआ भी तुम्हारे हुश्न से कैसे जल जाता है।
तभी तो अक्सर चाशनी में, जाने से पहले फट जाता है।।
है गैस में फ्लेम ज्यादा, यह हर चीज जला जाता है।
टोकूँगा इस बार उसको, जो सीलेंडर ले कर आता है।।
तुम्हारे बनाये पकवान का, तारीफ करना आसान नही।
दोस्तों को कैसे बताता हूं, मैं कर सकता बयान नही।।
जिन जिन को ऐसे बीवी की, प्रंशसा करना आ जायेगा।
भगवान कसम उनके घर का, चिकचिक चला जायेगा।।
पता तो चल गया होगा कि, मोहतरमा को कैसे पटाना है।
जो भी आये प्लेट में, हमेशा उसे बेहतर ही बताना है।।
©® पांडेय चिदानंद “चिद्रूप”
(सर्वाधिकार सुरक्षित २२/०२/२०२२)