***एक है हम***__गजल/गीतिका
गुस्सा नाक से हटाइए,हो क्यों खफा यह तो बताइए।
क्या है माजरा जरा ,हमको तो समझाइए।।
आदत नहीं हमारी किसी का दिल दुखाने की।
बेवजह का इल्जाम न हम पर तो लगाइए।।
यों रूठे रहोगे,कुछ भी न हमसे कहोगे
टूट जाएगा दिल नाजुक,न इसको तो सताइए।।
होती रहती बाते छोटी मोटी,पर नियत नहीं हमारी खोटी।
आवाज है अंतकरण की,भरोसा तो जताइए।।
चलो मान भी जाओ, तनिक पास तो आओ।
“””एक है हम””अनुनय, नारा यही साथ मेरे तो लगाइए।।
*******राजेश व्यास अनुनय******