एक ही रब की इबादत करना
कितना मुश्किल है ये हिम्मत करना
आज बच्चों को नसीहत करना
डर रहेगा न किसी का तुमको
एक ही रब की इबादत करना
करके इमदाद जतानी है अगर
तो किसी पर न इनायत करना
रास आता ही नहीं अम्न उन्हें
जिनकी फितरत है बगावत करना
सामने शाह के सच बोलूंगा
या खुदा मेरी हिफाजत करना
यूं भी होती है इबादत ‘अरशद’
मां के चेहरे की जियारत करना