एक ही जान है।
यूं चिल्मन से ऐसे ना देखो कयामत आ जायेगी।
एक ही जान है तुम्हें देख कर ऐसे वह भी चली
जायेगी।।1।।
बात जीने मरने की नही बस बात ये नज़र की है।
हुस्न ऐसा पाया है हूरों सा नज़र ख़ुद ब खुद उठ
जायेगी।।2।।
कोई कैसे रोके तुम्हें देखने से ख़ुद को तू ही बता।
तुम्हें देख के चाहने वालों की दिल ए आह मचल
जायेगी।।3।।
मत आया करो सज संवर करके ऐसे महाफिलों में।
जन्नत की हुर देखेगी तुम्हें तो बुरा मान करकर जल
जायेंगी।।4।।
ये खिलता फूलों सा हुस्न तुम्हारा बवाल करवायेगा।
पाने की खातिर तुमको ऐसे तो दीवानों में हो जंग
जायेगी।।5।।
किस्मत किसी एक की बनकर सवारेगी बाकी रोएंगे।
तू मोहब्बत करने वालों में देखना इक सवाल बन
जायेगी।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ