एक हलचल सी है
हवाओं में भी, एक हलचल सी है ।
तुमसे मिले तो, आहट सी है ।।
खोकर भी जाना, पाकर भी जाना ।
कोई नहीं है, सबसे दिवाना ।।
हवाओं में भी, एक हलचल सी है ।
रहते तो थे हम, दिल में किसी के ।
कहते भी थे हम, आखों की नमी से ।।
कोई नहीं जो, साथ चलेगा ।
दो पल हसाया, तो रोना पड़ेगा ।।
हवाओं में भी, एक हलचल सी है ।
जीवन का तो, अंदाज यही है ।
लगता जो अपना, अपना नहीं है ।।
खोकर खुद में, जान गये है ।
हम है अकेले, मान गये हैं ।।
हवाओं में भी, एक हलचल सी है ।
सोनिका मिश्रा