एक सूरज अस्त हो रहा है, उस सुदूर क्षितिज की बाहों में,
एक सूरज अस्त हो रहा है, उस सुदूर क्षितिज की बाहों में,
और एक शाम ढल रही है, मेरे बेहोश दिल की पनाहों में।
एक अधूरा चाँद बसा रहा उस, अस्त-व्यस्त कमरे को अपनी निगाहों में,
और कुछ किरणें सिसक रही हैं, टूटे दरवाजे से मेरी आहों में।
कुछ बंजारी चाहतें हैं जो, छुपकर चला करती हैं कारवाओं में,
और कुछ ठहरे कदम है, जो सफर करते हैं खवाबों की राहों में।
एक स्मृति की लहर है जो, बहकर टूटती है किनारों की चाहों में,
और एक अविस्मरणीय क्षण है, जो लौट कर आता नहीं आशाओं में।
कुछ दम तोड़ते से जज़्बात घुल रहे हैं, अपने दर्द की कराहों में,
और एक व्यक्तित्व है जो सबकुछ छिपाकर, मुस्कुराता है अपनी अदाओं में।
शहर की गलियाँ जल रही हैं, सुनी-सुनाई अफवाहों में,
और सेंध लग गयी है मेरे पक्ष में, बैठे बुजदिल से गवाहों में।
एक सितारा है जो चाहता है, बदल दे मेरी धुप को अपनी छाँव में,
और एक किस्मत है जो ढूंढती फिरती है उसे, दूर कहीं खामोशी भरी कब्रगाहों में।