इक सुकूँ होता था तब
मुश्किलों, दुश्वारियों में गमज़दा होता ना था
इक सुकूँ होता था तब, जब मैं तेरा होता ना था
सोचते थे छोड़ देंगे तुझको, तेरी बज़्म को
अब भी हमसे हो ना पाया, तब भी तो होता ना था
मैंने खंजर दे दिया था क़ातिलों के हाथ में
जो किया तुमने मुसलसल, उनसे भी होता न था
अब समझ आया तुम्हारा रूठ जाना बेसबब
दिल्लगी का ढोंग ज्यादा तुमसे भी होता ना था
इक सुकूँ होता था तब, जब मैं तेरा होता ना था