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26 May 2024 · 1 min read

एक सरल प्रेम की वो कहानी हो तुम– गीत

एक सरल प्रेम की वो कहानी हो तुम, जो प्रणय द्वार पर आके सीमित हुई।।

एक तरफ कुछ अधूरे वचन रह गए,
एक तरफ कुछ प्रणय हीन बातें रहीं।
बातों से तो कोई सार निकला नहीं,
चुप्पियां फिर कहानी का स्वर हो गईं।

एक सरल प्रेम की वो कहानी हो तुम, जो प्रणय द्वार पर आके सीमित हुई।।

प्रिय हम तो तुम्ही में ही सीमित रहे,
पर तुम्ही हमसे यूं ही परे हो गईं।
हम कहानी को आगे बढ़ाते रहे,
फिर कहानी हमारी कठिन हो गई।

एक सरल प्रेम की वो कहानी हो तुम, जो प्रणय द्वार पर आके सीमित हुई।।

यूं कोई प्रेम में वक्त खोता नहीं,
आकलन प्रेम का ऐसे होता नहीं,
शब्द निश्चित ही आखेट करते हैं पर,
उसके बोले बिना जीना आता नहीं।

एक सरल प्रेम की वो कहानी हो तुम, जो प्रणय द्वार पर आके सीमित हुई।।

अभिषेक सोनी
ललितपर, उत्तर–प्रदेश

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 86 Views

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