Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Oct 2024 · 1 min read

एक समय था जब शांतिप्रिय समुदाय के लोग घर से पशु, ट्यूवेल से

एक समय था जब शांतिप्रिय समुदाय के लोग घर से पशु, ट्यूवेल से मोटर शस्त्र के बल पर छीनकर ले जाते थे और हम नि:सहाय होकर रह जाते थे…फिर युग बदला योगी जी आये पुलिस की गोली का निशाना चैक हुआ अब चैन से घर सोते हैं।😎

38 Views

You may also like these posts

निराशा से आशा तक 😊😊
निराशा से आशा तक 😊😊
Ladduu1023 ladduuuuu
जिस तौर भी कट रही वो ज़िंदगी तेरे नाम पर
जिस तौर भी कट रही वो ज़िंदगी तेरे नाम पर
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कहो तुम बात खुलकर के ,नहीं कुछ भी छुपाओ तुम !
कहो तुम बात खुलकर के ,नहीं कुछ भी छुपाओ तुम !
DrLakshman Jha Parimal
प्रेम भरी नफरत
प्रेम भरी नफरत
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
बेजुबान और कसाई
बेजुबान और कसाई
मनोज कर्ण
हीर और रांझा की हम तस्वीर सी बन जाएंगे
हीर और रांझा की हम तस्वीर सी बन जाएंगे
Monika Arora
*शहर की जिंदगी*
*शहर की जिंदगी*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
* तुगलकी फरमान*
* तुगलकी फरमान*
Dushyant Kumar
हरि प्रबोधिनी एकादशी
हरि प्रबोधिनी एकादशी
Kanchan verma
कल्पित
कल्पित
Mamta Rani
33 लयात्मक हाइकु
33 लयात्मक हाइकु
कवि रमेशराज
तुम बिन रहें तो कैसे यहां लौट आओ तुम।
तुम बिन रहें तो कैसे यहां लौट आओ तुम।
सत्य कुमार प्रेमी
विश्ववन्दनीय- गुरु घासीदास
विश्ववन्दनीय- गुरु घासीदास
Dr. Kishan tandon kranti
छप्पय छंद
छप्पय छंद
seema sharma
😘अमर जवानों की शान में😘
😘अमर जवानों की शान में😘
*प्रणय*
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
4785.*पूर्णिका*
4785.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
यात्रा ब्लॉग
यात्रा ब्लॉग
Mukesh Kumar Rishi Verma
कोई किसी के लिए जरुरी नहीं होता मुर्शद ,
कोई किसी के लिए जरुरी नहीं होता मुर्शद ,
शेखर सिंह
भारतीय समाज
भारतीय समाज
Sanjay ' शून्य'
हमारा चंद्रयान
हमारा चंद्रयान
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
भिखारी कविता
भिखारी कविता
OM PRAKASH MEENA
आज हम जा रहे थे, और वह आ रही थी।
आज हम जा रहे थे, और वह आ रही थी।
SPK Sachin Lodhi
कल रात सपने में प्रभु मेरे आए।
कल रात सपने में प्रभु मेरे आए।
Kumar Kalhans
जनरल नॉलेज
जनरल नॉलेज
कवि आलम सिंह गुर्जर
कारण
कारण
Ruchika Rai
शिव रात्रि
शिव रात्रि
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
अकेलापन
अकेलापन
Neerja Sharma
"कुछ तो गुना गुना रही हो"
Lohit Tamta
जलधर
जलधर
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
Loading...