एक सत्य यह भी
एक सत्य यह भी
बाथरूम से तेज आवाज में
अजी सुनते हो
उठ जाओ
देखो जी मैं लेट हो रहीं हूँ
चुन्नू मुन्नू को भी उठा दो
और हाँ एक बार रसोई में
जाकर देख लेना
मैंने गैस पर दूध गर्म होने के
लिए रखा है चाय भी
वैसे तो गैस कम कर रखी है
फिर भी देख लेना
नहाकर आने के बाद
ये क्या आप अभी तक रसोई में ही हो
जाओ जाओ जल्दी करो
अब मैं देख लूँगी
नहाने जाओ तो
चुन्नू मुन्नू को भी नहला धुला देना
उन्हें भी स्कूल जाना है
मैं तब तक झाड़ू पोछा कर देती हूँ
अजी और कितनी देर लगाओगे नहाने में
मुझे भी स्कूल जाना है
जैसे ही साहब नहाकर आये
अरे यार आप भी न कितनी
देर लगाते हो
अब बताओ मैं क्या क्या करूँ
खुद तैयार होऊँ , बच्चों को तैयार करूँ
या खाना बनाऊँ
एक काम करो तुम बच्चों को तैयार करो
तब तक मैं नास्ता बना देती हूँ
बच्चे तैयार हो जाएं
तो मैंने फ्रिज से सब्जी बाहर निकाल दी हैं
चाकू भी वहीं रख दिया है आप सब्जी काट दो
चाकू की धार तेज है ज़रा ध्यान से काटना
नहीं तो रहने देना मैं ही काट लूँगी
अरे कल शाम को अम्मा कह रही थी
बेटी तुझे पता है
जब राजू की शादी नहीं हुई थी
तब राजू ही खाना बनाने में मेरी
मदद करता था
सब्जी तो इतनी स्वादिष्ट बनाता है
की बस पूँछो मत
एजी सही कह रही थी क्या अम्मा जी
चलो तो आज सब्जी आप ही बना दो
हमें भी तो पता चले
रोटी सब्जी बनकर तैयार
रसोई में कितनी गर्मी है ना
देखो कितने पसीने आ गए
सुबह सुबह ही
अजी वो चुन्नू मुन्नू के टिफिन
पैक कर देना
तब तक मैं तैयार हो जाती हूँ
घड़ी की तरफ देखकर
अरे यार ये घड़ी भी न
कितनी तेज दौड़ती है
तभी स्कूल बस का हॉर्न
अपनी जुल्फों को आगे की तरफ
गिराकर बाल गूंथते हुए
अजी देखना चुन्नू मुन्नू की
बस आ गयी है शायद
इनका बैग वगैरा देख लेना
वैसे मैंने सोने से पहले देख लिया था
फिर भी एक बार आप भी देख लेना
कुछ देर बाद गए चुन्नू मुन्नू
हाँ
फिर जैसे अपने आप से ही
राजू को सुनाते हुए यार
ये बच्चे भी न कितना परेशान करते हैं इतने बड़े हो गए
कोई काम खुद से नहीं करते
सारा काम मम्मा ही कर के दे
मम्मा ये मम्मा वो
जूते की डोर भी खुद से नहीं बाँधी जाती
मम्मा टाई लगाओ
इनके चक्कर में मैं कितना लेट हो जाती हूँ
वहाँ स्कूल टाइम पर न पहुँचो तो दिक्कत
आजकल एक मिनट की भी देरी नहीं
सारा काम ऑनलाइन होने लगा है
आपको पता है अब हमारी हाजरी भी ऑनलाइन होने लगी है
घड़ी की और देख कर
हे राम घबराते हुए
केवल बीस मिनट ही बची हैं
अरे यार ये स्कूल भी कितना दूर है
जंगल ढाणी में है
वहाँ तक कोई साधन भी तो नहीं जाता
रोज रोज लिफ्ट माँगनी पड़ती है
और कभी तो पैदल ही जाना पड़ता है
अजी आप ही छोड़ दिया करो स्कूल तक मुझे तो अकेली को आते जाते डर लगता है
स्कूल छोड़ने के बाद
आप मंडी से होते हुए जाना
सब्जी ले जानी हैं
और हाँ अम्मा भी कुछ काम कह रही थी
फोन कर के पूँछ लेना
घर पहुँच कर मुझे भी कॉल कर देना
खाना वक्त पर खा लेना
ऑफिस जाओ तो एक बार
गीजर और गैस देख लेना
बंद है कि नहीं
अम्मा से कहना सिंक में
कुछ बर्तन पड़े है —
शाम को ऑफिस से जल्दी आ जाओ
तो मुझे लेने भी आ जाना
अच्छा ठीक है बाय
शाम हो गयी है
अरे आप आ गए
मैंने तो सोचा शायद ऑफिस में काम
हो पता नहीं लेने आओगे या नहीं
घर पहुंच कर
ये क्या चुन्नू मुन्नू ने सारा घर फैला रखा है
थक गई हूँ मैं तो मेरे से तो अब कुछ नहीं हो पायेगा
चुन्नू मुन्नू से कहो उन्ही ने फैलाया है
वे सब सही करें
उबासी लेते हुए
मुझे तो नींद आ रही है
नींदों में ही
चुन्नू मुन्नू को होमवर्क करवा देना जी
नहीं तो शिकायत आएगी इनकी
लेटते ही नींद
और नींद के बाद
वो ही घड़ी वो ही समय
घड़ी की सुइयों की पुनरावृत्ति
और घर के काम की
ज़रा इस एंगल से सोचो
और किसी को भी जरूरत है आराम की
और किसी को भी जरूरत है आराम की
भवानी सिंह’भूधर’
बड़नगर, जयपुर