एक सच
सच और शब्दों के मेल बहुत मुश्किल होते हैं।
इस दुनिया में राजनीति के हमसफ़र सब होते हैं।
समाज में हम सभी के साथ साथ चलते हैं।
हकीकत में न समाज न रिश्ते नाते सच होते हैं।
आज अपने पराए और पराए अपने होते हैं।
सोच ऐसी आज हमारी मन में रहतीं हैं।
बस मुस्कुराती जिंदगी मन भावों में सच रहते हैं।
जिंदगी रंगमंच पर एक किरदार निभाती हैं।
हम सभी अपने जीवन को सफल बनाते हैं।
हां हमसफ़र और हम दोनों अकेले ही रह जाते हैं।