एक शेर पुष्टि के साथ.
दिल के दर्द की दवा नहीं पास मेरे,
हम तो “दिल ए दर्द” देते है,
जिस किसी को दिल महफूज़ रखना है,
“दर्द ए दिल” दवा खोज लें,
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अौषधि सदैव अधिक कड़वी होती है
जो दवा के इस तत्व को पहचान जाता है,
वही जीवन मे स्वस्थ रहने की कल्पना करे,
यही अौषधि का श्रेष्ठतम धर्म होता है ।।
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अपना स्वभाव भी ऐसा ही कुछ है ।
जो नहीं जानते वे अपने संज्ञान में ले लें ।।