एक शायरी शायर की जुबानी
जो शब्द निकले बस वही काफी है
रहे असर ,पड़े नज़र बस वही काफी है
यूँ तो कह ही रहे है दास्ताँ कब से हम
जो बात जुबान से दिल तक पहुंचे बस वही काफी है
अनुराग शुक्ला
जो शब्द निकले बस वही काफी है
रहे असर ,पड़े नज़र बस वही काफी है
यूँ तो कह ही रहे है दास्ताँ कब से हम
जो बात जुबान से दिल तक पहुंचे बस वही काफी है
अनुराग शुक्ला