Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2023 · 1 min read

एक शक्ति

एक शक्ति विविधा विधा,धारण रूप अनेक।
रक्षाहित माँ अवतरीं, धारें सकल विवेक।।

विविध रुप माँ धारिणी, करें जगत कल्याण।
नवचेतन छवि पल्लवित, भरें सुधारस प्राण।।

पालन पोषण कारिणीं,करें दनुज संहार।
विविध रूप में प्रकट हो,करतीं नैया पार।।

प्रतिगृह पूजन हो कलश,मन्दिर ध्वनि को वाद्य।
लहराती स्वर्णिम धरा,क्षेत्रजगत में खाद्य।।

सूना अन्तस आँगना,आन करें माँ वास।
सकल व्यथा कर दूर माँ,करिये चक्षु निवास।।

डा.मीना कौशल
प्रियदर्शिनी

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 173 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Meena Kaushal
View all
You may also like:
अब नहीं वो ऐसे कि , मिले उनसे हँसकर
अब नहीं वो ऐसे कि , मिले उनसे हँसकर
gurudeenverma198
संवेदना(फूल)
संवेदना(फूल)
Dr. Vaishali Verma
*छ्त्तीसगढ़ी गीत*
*छ्त्तीसगढ़ी गीत*
Dr.Khedu Bharti
‘ चन्द्रशेखर आज़ाद ‘ अन्त तक आज़ाद रहे
‘ चन्द्रशेखर आज़ाद ‘ अन्त तक आज़ाद रहे
कवि रमेशराज
D
D
*प्रणय*
अच्छा लगता है
अच्छा लगता है
लक्ष्मी सिंह
I don't listen the people
I don't listen the people
VINOD CHAUHAN
वो बचपन था
वो बचपन था
Satish Srijan
शीर्षक - स्वप्न
शीर्षक - स्वप्न
Neeraj Agarwal
न्योता ठुकराने से पहले यदि थोड़ा ध्यान दिया होता।
न्योता ठुकराने से पहले यदि थोड़ा ध्यान दिया होता।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
अकेला
अकेला
Vansh Agarwal
झोपड़ियों से बांस खींचकर कैसे मैं झंडा लहराऊँ??
झोपड़ियों से बांस खींचकर कैसे मैं झंडा लहराऊँ??
दीपक झा रुद्रा
कजरी (वर्षा-गीत)
कजरी (वर्षा-गीत)
Shekhar Chandra Mitra
इश्क पहली दफा
इश्क पहली दफा
साहित्य गौरव
ग़ज़ल /
ग़ज़ल /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
ये दुनिया गोल है
ये दुनिया गोल है
Megha saroj
अक्सर चाहतें दूर हो जाती है,
अक्सर चाहतें दूर हो जाती है,
ओसमणी साहू 'ओश'
श्रध्दा हो तुम ...
श्रध्दा हो तुम ...
Manisha Wandhare
गांव में विवाह होता था तो इस सीजन में होता था क्योंकि गेहूं,
गांव में विवाह होता था तो इस सीजन में होता था क्योंकि गेहूं,
Rituraj shivem verma
यूं कौन जानता है यहां हमें,
यूं कौन जानता है यहां हमें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
एक क्षणिका :
एक क्षणिका :
sushil sarna
शिक्षा
शिक्षा
Adha Deshwal
सुशब्द बनाते मित्र बहुत
सुशब्द बनाते मित्र बहुत
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
अच्छी बात है
अच्छी बात है
Ashwani Kumar Jaiswal
माता, महात्मा, परमात्मा...
माता, महात्मा, परमात्मा...
ओंकार मिश्र
" तरक्की के वास्ते "
Dr. Kishan tandon kranti
" रहना तुम्हारे सँग "
DrLakshman Jha Parimal
कलेजा फटता भी है
कलेजा फटता भी है
Paras Nath Jha
मसला ये नहीं कि कोई कविता लिखूं ,
मसला ये नहीं कि कोई कविता लिखूं ,
Manju sagar
*यह सही है मूलतः तो, इस धरा पर रोग हैं (गीत)*
*यह सही है मूलतः तो, इस धरा पर रोग हैं (गीत)*
Ravi Prakash
Loading...