एक विचार
शब्द- मंथन,कथन, चिंतन, सृजन,हनन
मंथन,मथना अथार्त गूढ़ तत्त्वों की छान-बीन,
बिन मंथन निष्कर्ष पर,पँहुचे दीन मति हीन।
चिन्तन बाधाओं के निवारण का है प्राकृतिक साधन।
चिंतन विचारार्थ समस्याओंं का मानसिक परिचालन।
कहना, वचन, वर्णन, कथन होता वार्तालाप।
कभी मधुर और कटु कभी कह जाते हम-आप।
सृजन,रचना, उत्पत्ति, सृष्टि होती है मानसिक प्रक्रिया,
जिसने नये विचार,उपाय और कांसेप्ट को जन्म दिया।
मार,पीट,हत्या चलन बढ़ा,करना होगा शांत चित्त मनन।
सबमें में परस्पर अविश्वास बढ़ा,हो रहा रिश्तों का हनन।
नीलम शर्मा….✍️