एक वक्त था
तेरी गली से होकर जब भी मैं गुजरता था
मन ही मन प्रिये मै इतना सवरता था
जैसे भौरे को अपने पास बुलाने को
मेरे बाग के ये महके गुल हरदम निखरता था
एक वक्त था जब तम्हे प्यार किया करता था
तेरे लिवास से मोहब्बत करता था
तेरे एहसास से मोहब्बत करता था
तू मेरे पास नहीं रहती फिर भी
मै तेरी यादों से मोहब्बत करता था
एक वक्त था जब तम्हे प्यार किया करता था
कभी तू भी मुझे याद की होगी
मै उन लम्हो से मोहब्बत करता था
जिन में होती थी सिर्फ तेरी और मेरी बातें
मैं उन अल्फाजो से मोहब्बत करता था
एक वक्त था जब तम्हे प्यार किया करता था
तुझ पर ही मरते रहे हम
और तुझको ही अपना बनाना था
जनता हूँ रंग होते है ख़ुशी बिखेरने के लिए
पर मुझे तेरी सादगी का रंग लगाना था
एक वक्त था जब तम्हे प्यार किया करता था
तेरी सांसो की खुश्बू जब मेरे सांसो में रहता था
मेरा चेहरा चमकता था ख़ुशी नस- नस में बहता था
तू कहे तो सुबह को शाम कर दूँ
पर याद रखना तेरा भी कोई दीवाना था
एक वक्त था जब तम्हे प्यार किया करता था