एक रात एक ख्वाब
एक रात
एक ख्वाब आया
सजा कर सेहरा
रंगने अपने रंग में
सुनहरा सुनहरा,,,
ले उड़ा संग वो
आसमान में, पर
था वहां, तो
बादलों का पहरा,,,
सपना टूटा
ख्वाब छूटा
क्यों मुझसे रूठा,,,,
एक रात
एक ख्वाब आया
सजा कर सेहरा
रंगने अपने रंग में
सुनहरा सुनहरा,,,
ले उड़ा संग वो
आसमान में, पर
था वहां, तो
बादलों का पहरा,,,
सपना टूटा
ख्वाब छूटा
क्यों मुझसे रूठा,,,,