एक मुक्तक
एक मुक्तक
ख़याल ही अब तो बे ख़याल हो गए
जवाब भी अब तो ख़ुद सवाल हो गए
जिनकी ख़ातिर मैंने लूटाया ख़ुद को
उन्हीं की निगाह में हम कंगाल हो गए!
एक मुक्तक
ख़याल ही अब तो बे ख़याल हो गए
जवाब भी अब तो ख़ुद सवाल हो गए
जिनकी ख़ातिर मैंने लूटाया ख़ुद को
उन्हीं की निगाह में हम कंगाल हो गए!